
योग दिवस तक-हर दिन एक योग प्रोटोकॉल अभ्यास: आयुष्य मन्दिरम् की एक अनूठी पहल
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विश्व योग दिवस तक – हर दिन एक योग: पहला अभ्यास ‘ताड़ासन’

एसडीएम श्री मनोज कुमार, श्रीमती ममता यादव (हरियाणा लोक सेवा आयोग), योगाचार्य सुषमा, श्री सतीश कुमार (जिला खजाना अधिकारी)
योग आचार्य डॉ. धर्मवीर यादव द्वारा प्रस्तुत – अंतर्राष्ट्रीय योग प्रोटोकॉल का पहला अभ्यास
आयुष्य मन्दिरम् की अनूठी पहल के अंतर्गत, 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तक हम प्रतिदिन एक योग अभ्यास को विशेषज्ञों की दृष्टि से प्रस्तुत करेंगे। इस श्रंखला की शुरुआत हम कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) के पहले आसन ‘ताड़ासन’ से कर रहे हैं। आज के विशेषज्ञ: योगाचार्य डॉ. धर्मवीर यादव, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर (रेवाड़ी, हरियाणा) के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने योग पर 7 से अधिक पुस्तकों की रचना की है। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘Yoga – A Way of Life’ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है।
योग आचार्य डॉ. धर्मवीर यादव द्वारा प्रस्तुत – अंतर्राष्ट्रीय योग प्रोटोकॉल का पहला अभ्यास
आयुष्य मन्दिरम् की अनूठी पहल के अंतर्गत, 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तक हम प्रतिदिन एक योग अभ्यास को विशेषज्ञों की दृष्टि से प्रस्तुत करेंगे। इस श्रंखला की शुरुआत हम कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) के पहले आसन ‘ताड़ासन’ से कर रहे हैं।
आज के विशेषज्ञ: योगाचार्य डॉ. धर्मवीर यादव, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर (रेवाड़ी, हरियाणा) के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने योग पर 7 से अधिक पुस्तकों की रचना की है। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘Yoga – A Way of Life’ हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है।
📌 ताड़ासन का परिचय:
ताड़ का अर्थ है – लंबा वृक्ष। इस आसन में शरीर की आकृति ताड़ वृक्ष के समान सीधी और लंबी होती है, इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं।
🧘♂️ अभ्यास विधि:
- समस्थिति में खड़े हो जाएं, पैरों में 2-3 इंच का अंतर रखें।
- दोनों हाथों को ऊपर उठाएं, उंगलियां इंटरलॉक करें और हथेलियां ऊपर की ओर करें।
- धीरे-धीरे एड़ियों को ऊपर उठाएं और पंजों पर संतुलन बनाएं।
- 15-20 सेकंड श्वास रोककर इस स्थिति में रहें।
- धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
- इस क्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
⚠️ ध्यान दें:
- श्वास तालबद्ध होनी चाहिए।
- दृष्टि को सामने किसी बिंदु पर स्थिर रखें।
- इंटरलॉक न कर सकें तो सामान्य हाथ जोड़ सकते हैं।
🚫 कब न करें ताड़ासन:
- उच्च/निम्न रक्तचाप, चक्कर, गर्भावस्था, मासिक धर्म, गठिया, हृदय रोग आदि में न करें।
- प्रारंभिक अवस्था में योग शिक्षक की देखरेख में करें।
💡 क्या आप जानते हैं?
- दीवार या सहारे के साथ किया जा सकता है।
- सरल ताड़ासन या लेटकर भी संभव है।
- शंख प्रक्षालन क्रिया में यह पहला आसन होता है।
- यह काफ मसल्स (दूसरा दिल) को सक्रिय करता है।
✅ ताड़ासन के लाभ:
- कद वृद्धि में सहायक
- शरीर में स्थिरता और मन में एकाग्रता
- अकड़न और जकड़न में राहत
- श्वसन व पाचन तंत्र मजबूत
- मोटापा नियंत्रित व शरीर सुडौल बनता है
- पेट की समस्याओं से राहत

✍️ लेखक परिचय:
डा. धर्मवीर योगाचार्य
असिस्टेंट प्रोफेसर – योग विभाग, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर (रेवाड़ी)
10+ वर्षों से योग व प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय, लेखक एवं प्रेरक वक्ता
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Comments:
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डॉ धर्मवीर यादव
June 4, 2025 at 5:53 pmआपका बहुत बहुत आभार सर
Sunil kumar lamba
June 4, 2025 at 10:05 pmआपका हृदय की गहराईयो से धन्यवाद डाॅक्टर साहब
Ankita yadav
June 5, 2025 at 11:24 amBhut hi achi prastuti dekh kr bhut acha laga
Sonam
June 5, 2025 at 11:21 amआपका बहुत बहुत धन्यवाद
Sanjana
June 5, 2025 at 11:22 amआपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 😊
Abhimanyu
June 5, 2025 at 11:24 amAapka prayas sravaneey hai
रीना
June 5, 2025 at 11:26 amबहुत धन्यवाद गुरु जी
Ashu
June 5, 2025 at 11:28 amBhut acha laga dekh ker
Bhut hi achi prastuti hai
रीना
June 5, 2025 at 11:28 amबहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी
Seema Rani
June 5, 2025 at 11:37 amबहुत-बहुत धन्यवाद सर 👏👏